जबकि केंद्र सरकार अब राष्ट्रीय बचत योजनाओं के तहत जमा होने वाली राशि का 75 से 100 फीसदी के बराबर दीर्घावधि कर्ज मुहैया कराने को तैयार है, लेकिन यह कर्ज काफी महंगा पड़ता है।
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चन्द्रशेखर दुबे, सांसद, जो कि बहुत सी खनिज समितियों के सदस्य हैं, का कहना है कि स्टर्लाइट ने अक्टूबर, 2004 में मैनपाट-सरगुजा और बोड़ई, दलदली-कबीरधाम खदानों की लीज की मूल प्रति को एक दीर्घावधि कर्ज हेतु इन्रााटस्ट्रक्चर लीजिंग एण्ड फाइनेन्शियल ट्रस्ट कम्पनी लिमिटेड के पास गिरवी रख दिया है।